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ये मथुरा संघ कार्यालय पर हमला नहीं, हिंदुत्व को जीने वाले, उसके लिए जीवन की निजी व्यवस्थाओं का त्याग करने वाले स्वयंसेवकों के मान सम्मान पर है। घर के भेदी हो या कोई अमानवीय, गैर-सामाजिक समुदाय इन पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
ये वही संघ है जो अखण्ड भारत का केवल स्वप्न ही नहीं देखता उसे पूर्ण करने के लिए अपने स्वयंसेवकों को बलिदान करने से भी पीछे नहीं हटा। जब जब समाज को मानवता के रक्षण हेतु मनुष्यों की आवश्यकता हुई तब देवतुल्य स्वयंसेवकों ने अपने निजी जीवन की परवाह किये बिना अपना सर्वस्व दिया। कहने को भारत 73 वर्षों से स्वतंत्र होकर निजतंत्र में जी रहा है, परन्तु आज भी ऐसे कोने हैं जहां सरकारी सुविधाओं का लाभ मौलिक भारतीयों को नहीं मिल पाया। संघ ने उन सभी तक पहुंच स्थापित कर सबको एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया। एकल पाठशाला, चिकित्सक स्वास्थ्य संबंधी उपलब्धता, अनाज वितरण, रोटी वितरण, मलिन बस्तियों में स्वच्छता कार्यन्वयन, उन सभी तक पहुंचाने का कार्य किया जो राष्ट्र के संसाधनों से अछूते रहे। इस कार्य को करने के लिए संघ ने कभी सरकारी पैसे का प्रयोग नहीं किया। सरकारी सहायता तो दूर आपातकाल जैसे कालखंडों में यातनाओं से ना केवल स्वयंसेवक प्रचारक जूझे अपितु संबंधित परिवारों का जीवन दूभर कर दिया तत्कालीन सरकार ने।
ख़ैर! सबको नज़रन्दाज़ किया गया और सभी राष्ट्रवादियों ने मिलकर एक सरकार खड़ी की। पर आज भी गैर-राष्ट्रवादी, दानवी शक्तियां मौकापरस्ती के साथ जब जब कुछ अनिष्ट करने का अवसर मिलता है तब तब अनिष्ट करती हैं। पर आज राष्ट्र के जागने का समय है, राष्ट्र जागरण का समय है। आज ये हमला हमें अचेत अवस्था से जागृत होने का संकेत देता है। अब भी नहीं जागे तो ये ध्यान रखना कभी जाग नहीं पाओगे।
केवल #जय_श्री_राम कहने से काम नहीं चलेगा,हनुमान जी की आरती करने से केवल कार्य सिद्ध होने वाले नहीं हैं। हमें कृत्यों को अपने कृत्यों में कार्यान्वित करना होगा। तभी कालनेमि और रावण जैसे दानवों का संहार संभव है। हमें मानवीयता के लिए निष्ठावान तो बनना पड़ेगा पर उस भेष में छुपे दानव भी चिन्हित करने होंगें और उनका अंत भी करना होगा। क्योंकि नियम कानून और मानवता की सीमाएं केवल मानवों तक सीमित हैं। वहशी और दरिंदों, राक्षसों के ये ये सब नहीं है। अपितु इनके लिए एक ही दंड है--मृत्यु दण्ड, ये तो शरिया कानून भी बताता है, तो इसे कार्यान्वित करने में देर नहीं करनी चाहिए। आज सरकार राष्ट्रवादी है तो हम आशा करते हैं कि इस हमले से उत्तरप्रदेश और केंद्र सरकार के आंख, कान खुलेंगें और गैर सामाजिक तत्वों पर उसी अनुरूप कार्यवाही भी की जाएगी।
दीपक शंखधार, नोएडा